Second home tax benefits (दूसरे घर पर टैक्स लाभ): जानें पूरी जानकारी


आज के समय में कई लोग अपनी पहली प्रॉपर्टी के बाद दूसरा घर खरीदने की योजना बनाते हैं। चाहे यह निवेश के रूप में हो, छुट्टियों के लिए हो, या सिर्फ एक और रहने का स्थान हो, दूसरा घर खरीदने से कई फायदे होते हैं। इसके साथ ही, सरकार ने दूसरे घर पर टैक्स लाभ भी प्रदान किए हैं, जो इसे और भी आकर्षक बना देते हैं।

इस लेख में हम आपको दूसरे घर पर मिलने वाले टैक्स लाभों के बारे में विस्तार से जानकारी देंगे। इसमें टैक्स की विभिन्न धारणाएँ, सेक्शन, और छूट के तरीके शामिल होंगे जो आपके निवेश को बेहतर बना सकते हैं।

दूसरा घर खरीदने के फायदे (Second home tax benefits)

दूसरे घर को खरीदने के पीछे कई कारण हो सकते हैं, जैसे:

  1. रेंटल इनकम: दूसरा घर किराए पर देकर आप नियमित मासिक आय कमा सकते हैं।
  2. वित्तीय सुरक्षा: यह आपकी वित्तीय स्थिति को मजबूत कर सकता है, खासकर सेवानिवृत्ति के बाद।
  3. लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट: प्रॉपर्टी में निवेश लॉन्ग टर्म में उच्च रिटर्न दे सकता है।
  4. किसी और स्थान पर रहने का विकल्प: एक अतिरिक्त घर आपके लिए छुट्टियों या आपातकालीन स्थिति में रहने का स्थान भी बन सकता है।

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दूसरे घर पर टैक्स लाभ (Second home tax benefits): पूरी जानकारी

जब आप दूसरा घर खरीदते हैं, तो कुछ टैक्स लाभ होते हैं जिन्हें आप समझकर उनका लाभ उठा सकते हैं। निम्नलिखित हैं दूसरे घर पर मिलने वाले मुख्य टैक्स लाभ:

  1. होम लोन पर ब्याज कटौती (Interest Deduction on Home Loan)

धारा 24(b) के तहत, अगर आपने दूसरा घर खरीदने के लिए होम लोन लिया है, तो आप उस लोन पर दिए गए ब्याज के लिए टैक्स में कटौती प्राप्त कर सकते हैं। इसमें दो स्थितियाँ होती हैं:

  • सेल्फ-ऑक्युपाइड प्रॉपर्टी (Self-occupied Property): अगर दूसरा घर आपके खुद के रहने के लिए है, तो आप ब्याज पर ₹2 लाख तक की कटौती प्राप्त कर सकते हैं।
  • रेंटल प्रॉपर्टी (Rental Property): अगर दूसरा घर किराए पर दिया गया है, तो ब्याज पर कोई अधिकतम सीमा नहीं है। आप जितना भी ब्याज चुका रहे हैं, उसका पूरा लाभ टैक्स में ले सकते हैं। हालांकि, यहाँ कुल हानि को ₹2 लाख तक सीमित किया गया है।
  1. प्रॉपर्टी टैक्स में छूट (Deduction on Property Tax)

आप अपने दूसरे घर के लिए अदा किए गए प्रॉपर्टी टैक्स को भी टैक्सेबल इनकम से घटा सकते हैं। यह कटौती सेक्शन 24(b) के तहत उपलब्ध होती है, और यह विशेष रूप से किराए पर दी गई प्रॉपर्टी के लिए फायदेमंद होती है।

Second home tax benefits

  1. सेक्शन 80C के तहत मूलधन (Principal Amount under Section 80C)

सेक्शन 80C के तहत, आप होम लोन के मूलधन पर ₹1.5 लाख तक की कटौती प्राप्त कर सकते हैं। यह लाभ पहले और दूसरे दोनों घरों पर लागू होता है। लेकिन यह ध्यान रखना जरूरी है कि यह कटौती केवल उस समय प्राप्त होती है जब निर्माण पूरा हो गया हो और कब्जा मिल गया हो।

  1. रेंटल इनकम पर टैक्स लाभ (Tax Benefits on Rental Income)

अगर दूसरा घर किराए पर दिया गया है, तो आपको सेक्शन 24(a) के तहत किराए की इनकम पर कटौती प्राप्त हो सकती है। आप किराए की इनकम से 30% स्टैंडर्ड डिडक्शन के तहत कटौती प्राप्त कर सकते हैं।

  1. लंबी अवधि की पूंजीगत लाभ (Long-Term Capital Gains)

अगर आपने दूसरा घर खरीदा है और उसे तीन साल या उससे अधिक समय तक रखा है, तो बेचने पर आपको लंबी अवधि की पूंजीगत लाभ (Long-Term Capital Gains) पर टैक्स छूट मिल सकती है। आप इन लाभों को सेक्शन 54 के तहत छूट प्राप्त कर सकते हैं, बशर्ते आप उस राशि का पुनर्निवेश दूसरी प्रॉपर्टी में करें।

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दूसरे घर पर टैक्स लाभों के लिए शर्तें (Conditions for tax benefits on second home)

टैक्स लाभ प्राप्त करने के लिए कुछ शर्तें होती हैं, जिन्हें पूरा करना आवश्यक है:

  1. कब्जे का समय: होम लोन पर ब्याज की कटौती तभी मिलेगी जब प्रॉपर्टी का निर्माण पूरा हो चुका हो और कब्जा प्राप्त हो गया हो।
  2. होम लोन का उद्देश्य: टैक्स लाभ तभी मिलेगा जब होम लोन का उद्देश्य घर खरीदने या निर्माण करने का हो।
  3. सेल्फ-ऑक्युपेशन लिमिट: अगर आप दूसरे घर को खुद के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं, तो ब्याज की कटौती ₹2 लाख तक सीमित होती है। किराए पर दिए गए घर के लिए यह सीमा नहीं होती है, लेकिन कुल हानि की सीमा ₹2 लाख तक ही होती है।
दूसरे घर से जुड़ी टैक्स की चुनौतियाँ

दूसरे घर पर टैक्स लाभ होने के बावजूद, कुछ चुनौतियाँ भी हो सकती हैं, जिन्हें ध्यान में रखना जरूरी है:

  1. रेंटल इनकम पर टैक्स: अगर आपने दूसरा घर किराए पर दिया है, तो आपको उस रेंटल इनकम पर टैक्स देना होगा। यह इनकम आपकी अन्य आय के साथ मिलकर टैक्सेबल होगी।
  2. वित्तीय दबाव: दो प्रॉपर्टियों का लोन चुकाना और उनके रखरखाव का खर्चा आपके वित्तीय दबाव को बढ़ा सकता है।
  3. हाउस प्रॉपर्टी लॉस लिमिट: अगर किराए पर दिए गए घर से होने वाली हानि अधिक है, तो इसकी सीमा ₹2 लाख तक ही टैक्स में समायोजित की जा सकती है। बाकी की राशि को अगले साल में कैरी फॉरवर्ड किया जा सकता है।
कौन-से दस्तावेज़ जरूरी हैं?

दूसरे घर पर टैक्स लाभ प्राप्त करने के लिए कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेज़ों की आवश्यकता होती है:

  1. होम लोन का ब्याज प्रमाण पत्र: ब्याज पर कटौती के लिए आपको बैंक या फाइनेंस कंपनी से ब्याज प्रमाण पत्र की जरूरत होगी।
  2. प्रॉपर्टी टैक्स की रसीद: प्रॉपर्टी टैक्स की कटौती के लिए आपको भुगतान की गई राशि का प्रमाण देना होगा।
  3. प्रॉपर्टी रेंट एग्रीमेंट: अगर दूसरा घर किराए पर दिया गया है, तो किराए की इनकम के लिए रेंट एग्रीमेंट की आवश्यकता होती है।
कैसे लें टैक्स लाभ?

दूसरे घर पर टैक्स लाभ प्राप्त करने के लिए आपको अपने वार्षिक आयकर रिटर्न में सही तरीके से जानकारी देनी होगी। यहाँ कुछ कदम दिए गए हैं जो आप फॉलो कर सकते हैं:

  1. आयकर रिटर्न फॉर्म भरें: अपनी कुल आय, रेंटल इनकम, और होम लोन ब्याज की जानकारी भरें।
  2. सभी दस्तावेज़ संलग्न करें: प्रॉपर्टी से संबंधित सभी दस्तावेज़ संलग्न करें, जैसे ब्याज प्रमाण पत्र, प्रॉपर्टी टैक्स रसीद, और रेंट एग्रीमेंट।
  3. कटौती का दावा करें: सेक्शन 24(b) और 80C के तहत मिलने वाली कटौती का सही दावा करें।
निष्कर्ष

दूसरा घर खरीदना एक महत्वपूर्ण निवेश हो सकता है, और इसके साथ आने वाले टैक्स लाभ इसे और भी आकर्षक बना सकते हैं। चाहे आप इस घर को खुद के लिए इस्तेमाल करें या इसे किराए पर दें, आप विभिन्न सेक्शन के तहत कई प्रकार की कटौतियों का लाभ उठा सकते हैं।

हालांकि, इन लाभों का पूरा फायदा उठाने के लिए सही जानकारी होना और नियमों का पालन करना जरूरी है। उम्मीद है कि इस लेख से आपको दूसरे घर पर टैक्स लाभ से जुड़ी सारी जानकारी मिल गई होगी।

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Frequently Asked Questions

Ans 1. The tax benefits include deductions on home loan interest under Section 24(b), property tax deduction, and the ability to claim rental income deductions. Additionally, long-term capital gains tax exemptions may apply when selling the second home.

Ans 2. If your second home is rented out, there's no maximum limit on interest deduction, but total losses from house property are capped at ₹2 lakh per year. For self-occupied second homes, you can claim up to ₹2 lakh as interest deduction.

Ans 3. Yes, under Section 80C, you can claim up to ₹1.5 lakh on the principal repayment of a second home loan, but this is subject to the overall limit under Section 80C, which includes other investments like LIC premiums and PPF contributions.

Ans 4. For self-occupied second homes, the interest deduction is capped at ₹2 lakh. However, for rented homes, the entire interest on the home loan can be deducted, but the total loss from house property is limited to ₹2 lakh.

Ans 5. Yes, rental income from your second home is taxable under the "Income from House Property" head. However, you can claim a 30% standard deduction on the rental income along with property taxes paid.